Thursday 23 February 2012

आवडती गाणी - लुट गये

हम दिल दे चुके सनम 

 
बेजान दिल को तेरे |इश्क ने जिंदा किया |
फिर तेरे इश्क ने ही इस दिल को तबाह किया .....

तडप तडप के इस दिल से
आह निकलती रही
मुझ को सजा दी प्यार की 
ऐसा क्या गुना किया
तो लुट गये हम तेरी मोहब्बत में

गजब हैं इश्क यारा...... 
पल दो पल की खुशियाँ
गम के खजाने में लूटे हैं
फिर मिलती हैं तनहाईयाँ
कभी आँसू कभी आहें
कभी शिकवे कभी नालें
तेरा चेहरा नजर आये
मुझे दिन के उजालों में
तेरी यादें तडपायें
रातों के अंधेरों में

मचल मचल के इस दिल से 
आह निकलती रही
मुझ को सजा दी प्यार की 
ऐसा क्या गुनाह किया
तो लुट गये हम तेरी मोहब्बत में

अगर मिले खुदा तो
पुछूँगा खुदाया
जिस्म मुझे देके मिट्टी का
शिशे सा दिल क्यों बनाया
और उस पे दिया फितरत के 
वह करता हैं मोहब्बत
वाह रे वाह तेरी कुदरत 
उस पे दे दिया किस्मत
कभी है् मिलन कभी फुरकत
हैं यही क्या वह मोहब्बत

सिसक सिसक के इस दिल से 
आह निकलती रही
मुझ को सजा दि प्यार की 
ऐसा क्या गुनाह किया
तो लुट गये हम तेरी मोहब्बत में
 
 
 

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